आजकल वजन कम करने के लिए ग्रीनटी का चलन बड़ा ही कॉमन हो गया है। सामान्य चाय के अंदर मौजूद कैलोरीज की बात सोचकर भी लोग तौबा करने लगते हैं। बहुत से लोग ग्रीन टी के आदी हो चुके हैं और जिन्हें इसका टेस्ट पसंद भी नहीं है वो भी दिन में कई-कई बार इनका सेवन कर लेते हैं।
ग्रीन टी आपके वजन को नियंत्रित तो करती है और साथ ही जानकार इसके कई अन्य फायदे भी बताते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसमें मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट्स शरीर के भीतर ऊर्जा बनाए रखते हैं और हमेशा तरोताजा रखते हैं और साथ ही यह वजन को भी कम करते हैं।
लेकिन अभी तक आप ग्रीन टी के सेवन से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को नहीं समझ पाए। आप सोच रहे होंगे कि ग्रीन टी जो पूरी तरह एक प्राकृतिक पदार्थ है, उससे कुछ खतरा भी हो सकता है क्या?
जी हां, महिलाए, जो ग्रीन टी के सेवन को लेकर कहीं ज्यादा उत्साहित रहती हैं, के लिए ग्रीन टी पीना बड़ी समस्या पैदा कर सकता है और वह समस्या है प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव।
आमतौर पर ग्रीन टी को चाय की तुलना में ज्यादा सेफ माना जाता है लेकिन हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार ग्रीन टी पीना सेहत के लिहाज से सही नहीं है।
कैलिफोर्निया-इरविन यूनिवर्सिटी के अध्ययनकर्ताओं ने फ्रूट फ्लाइस यानि फल मक्खियों पर किए गए परीक्षण के द्वारा यह साबित किया है कि ग्रीन टी का अधिक सेवन प्रजान क्षमता को बाधित करता है, साथ ही यह शरीर के विकास को भी प्रॉपर तरीके से नहीं होने देता।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि ग्रीन टी या फिर किसी भी अन्य प्राकृतिक उत्पाद का जरूरत से ज्यादा सेवन करना शरीर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
फार्मास्युटिकल साइंसेज के जानकार यह मानते हैं कि ग्रीन टी का उचित सेवन स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव छोड़ता है लेकिन अगर इसके सेवन को बढ़ा दिया जाए तो यह नकारात्मक साबित होता है।
फ्रूट फ्लाइज पर हुए इस अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्रीन टी के सेवन की मात्रा को बढ़ाने से शरीर में मौजूद कोशिकाएं मृत होने लगती हैं, जिसकी वजह से शरीर का विकास बेहद धीमी गति से होता है और साथ ही अजीबोगरीब बदलाव भी देखे जा सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने बताया कि केमेलिया सिनेसिस से उत्पन्न ग्रीन टी पूरी दुनिया में अपने गुणों के लिए मशहूर है। लेकिन इसका परीक्षण चूहों पर किया गया तो इससे उनके भ्रूण का विकास भी प्रभावित होने जैसी बात सामने आई।
वैसे एक बात तो हम सभी जानते हैं कि किसी भी चीज की अधिकता नुकसानदेह होती है, यह भी इसी बात का उदाहरण है।